उत्तर सिंग़पुर मोहंदी वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 50 में सैकड़ो नीलगिरी पेड़ों की अवैध कटाई एवं रातों रात तस्करी
उत्तर सिंग़पुर मोहंदी वन परिक्षेत्र के मडेली बीट,मगरलोड सर्कल का मामला, 12 साल पुराना नर्सरी में लगा है हजारों नीलगिरी पेड़, ,पत्रकार ने दी जानकारी – तब जागा वन अधिकारी
डिपो से 1 किलो मीटर की दूरी, मुख्य रोड से दिख रहा है कटे हुए हरे भरे पेड़
धमतरी/मगरलोड – यू तो ब्लॉक मगरलोड के उत्तर सिंगपुर वन परिक्षेत्र मोहंदी एवं दक्षिण सिंगपुर वन परिक्षेत्र सिंगपुर वनों से भरा हुआ है
जहां इस जंगल में सराई, सागौन, बीजा, खैर जैसे कीमती पेड़ लगाएं गए तो वही मगरलोड सर्कल के मंडेली बीट के कक्ष क्रमांक 50 में हजारों नीलगिरी के पेड़ लगाएं गए हैं जिसमें संभवत बीती रात्रि को सैकड़ो नीलगिरी के पेड़ अवैध रूप से कटकर तस्करी की गई है और वन विभाग को इसकी भनक भी नहीं लगी यह गंभीर सोचनीय विषय है
मगरलोड डिपो से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर मडेली मुख्य मार्ग पर नीलगिरी पेड़ों की नर्सरी लगी है जो स्पष्ट सैकड़ों नीलगिरी पेड़ों की अवैध कटाई दिख रही है
जिसकी जानकारी दोपहर देशबंधु संवाददाता ने दी जानकारी तब जागा वन अधिकारी
वन अधिकारी कर्मचारियों की निष्क्रियता एवं सजकता की कमी के कारण इस तरह से वनों में लगाए गए नीलगिरी पेड़ों की अवैध कटाई हो रही है एवं सैकड़ो पेड़ों की तस्करी रातों-रात की जा रही है
यह अवैध कटाई कई दिनों से होने की संभावना है और छोटे-बड़े लकड़ी तस्कर इस काम को कर रहे हैं लेकिन वन विभाग के कर्मचारियों को जंगल, वन नर्सरींयों की निगरानी देखने की फुर्सत नहीं मिल रही है जिसके कारण वन में अवैध कटाई करने वाले के हौसले बुलंद है
कुछ वर्ष पहले पूर्व डीएफओ वाजपेई के समय पेंड्रा जंगल में बीजा की अवैध कटाई हुई थी जिसमें वन कर्मचारीयो पर बड़ा एक्शन पूर्व पीसीसीएफ चतुर्वेदी द्वारा लिया गया था जिसमे बीड गार्ड, डिप्टी रेंजर और रेंजर को निलंबित किया गया था लेकिन बीती रात्रि नीलगिरी पेड़ों की अवैध कटाई पर क्या कार्यवाही होगा यह जनता जानना चाहती है
इस मगरलोड में अवैध नीलगिरी पेड़ों की कटाई की जानकारी पीसीसीएफ, डीएफओ, एसडीओ को दी गई है अब उच्च स्तर की वन अधिकारी इस पर क्या निर्णय लेते हैं यह उनके विवेक पर निर्भर करता है
इस संबंध में वर्तमान प्रभारी रेंजर पंचराम साहू ने बताया कीपी ओ आर किया जाएगा और जांच पताशाजी कर जिम्मेदार करके वसुली की कार्यवाही की जाएगी कितना किया जाएगा यह नहीं बताया गया क्या वसूली कर मामला इतिश्री होगा की विभागीय कार्यवाही भी होगा यह वन विभाग के उच्च अधिकारीयो के निर्णय भविष्य पर निर्भर करता है