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ब्यसन मुक्त समाज राजयोग से ही संभव है : राज योगिनी अखिलेश दीदी

ब्यसन मुक्त समाज राजयोग से ही संभव है : राज योगिनी अखिलेश दीदी

टोमन लाल सिन्हा 

धमतरी/मगरलोड – प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र मगरलोड के योगशक्ति भवन में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस का आयोजन किया गया । इस अवसर पर चिरायु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मगरलोड के आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश चक्रधारी ,विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मनोज पटेल , सलाहकार गैर संचारी रोग अश्वनी गायकवाड , डाटा एंट्री ऑपरेटर सुश्री गीतांजलि साहू उपस्थित रहे । सर्वप्रथम अतिथियों के कर-कमलों से दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया ।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मनोज पटेल ने कहा कि यह जन -जागरूकता कार्यक्रम विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)के निर्णय अनुसार 31 मई 1988 से प्रारंभ किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से 30 वर्ष व उससे ऊपर के व्यक्तियों का जांच सर्वे किया जा रहा है । अश्वनी गायकवाड ने कहा कि तंबाकू में 70 ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो जहरीले होते हैं। आजकल विशेष रूप से युवा वर्ग तथा छोटे स्कूली बच्चे भी नशा सेवन के गिरफ्त में आ रहे हैं । इन 

ब्यसनों से मुक्त होने का एक ही उपाय है सोच बदलो, नजरिया बदलो। डॉक्टर चक्रधारी ने कहा कि शासन की ओर से प्रत्येक शासकीय संस्थाओं से लगभग 200 मीटर की दूरी तक नशा हेतू प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है। शासन की ओर से नशा मुक्ति संबंधी बहुत से प्रयास किये जा रहे हैं । नशा करने वाले व्यक्ति दो स्तर के होते हैं प्राइमरी स्मोकर जो नशा का सेवन करते हैं व सेकेंडरी स्मोकर जो नशा का सेवन नहीं करते हैं । अंत में सेवा केंद्र संचालिका बीके अखिलेश दीदी ने कहा कि जागरूकता ही सुरक्षा है । नशे का सेवन भले ना करें लेकिन इसके दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी भी होना जरूरी है। अगर हमें व्यसन मुक्त समाज बनाना है तो सबसे पहले हमें अपने मन को कंट्रोल करना होगा जो कि राजयोग से सहज ही संभव है । राजयोग मन को परमात्मा से जोड़े रखता है । अतः हम सबको राजयोग सीख कर स्वस्थ समाज का निर्माण करते हुए तन-मन-धन से वतन की सेवा करना चाहिए । संस्था की ओर से अतिथियों को प्रतीक चिन्ह के रूप में सौगात भेंट किया गया । कार्यक्रम में संस्था से जुड़े सैकड़ो भाई बहन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन बी के दुलार भाई ने किया ।

Toman lal Sinha
Author: Toman lal Sinha

Editor In Chief