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विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण के विरोध में कल होगा मंत्रालय का घेराव

विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण के विरोध में कल होगा मंत्रालय का घेराव

टोमन लाल सिन्हा 

धमतरी/मगरलोड – प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के जिला कोषाध्यक्ष एवं प्रवक्ता कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन डेवेश कुमार साहू ने बताया कि सरकार द्वारा एक सुनियोजित तरीके से सरकारी स्कूलों में कर्मचारियों की संख्या को कम किया जा रहा है।जगह-जगह प्राइवेट स्कूल खुल रहे हैं । प्राइवेट स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक है। एक कक्षा के लिए एक शिक्षक है। निजी प्राथमिक शालाओं में पांच कक्षा के लिए पांच शिक्षक एवं अन्य स्टाफ भी है । इस प्रकार प्राइवेट स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक होने से वहां की पढ़ाई लिखाई अच्छी होती है। उन्हें गैर शिक्षकीय कार्य भी नहीं करना पड़ता और सालभर सिर्फ पढ़ाई लिखाई करते हैं। जबकि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को पढ़ाई के अलावा सैकड़ों गैर शिक्षकीय कार्य करना पड़ता है। शासन द्वारा सरकारी स्कूलों के 2008 के सेटअप को भंग करते हुए स्कूलों में कर्मचारियों की संख्या को घटाया जा रहा है। सरकारी प्राथमिक स्कूलों में जहां पहले तीन शिक्षक होते थे वहां अब मात्र दो ही शिक्षक रखते हुए एक शिक्षक के पद को हमेशा के लिए खत्म किया जा रहा है।

 प्रधान पाठकों के बहुत सारे पदों को समाप्त किया जा रहा है। लगभग 4,000 स्कूलों को बंद किया जा रहा है इस स्थिति में 4,000 स्वीपर के पद और 4,000 रसोइया के पद भी समाप्त हो जाएंगे और इसके साथ ही बेरोजगारी का खतरा इसके सर पर मंडरा रहा है। ऐसे में दो शिक्षकों द्वारा 60 बच्चों के स्कूलों की व्यवस्था को संभालना सिर्फ मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है। क्योंकि एक शिक्षक की ड्यूटी विभागीय कार्यों के साथ – साथ अन्य बहुत सारे कार्यों में रहता है। सरकार एक तरफ गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की बात करती है तो यहां पर यक्ष प्रश्न यहीं खड़ा होता है कि क्या इस प्रकार के विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण से गुणवत्ता आएगी? या फिर स्कूल सिर्फ दाल-भात सेन्टर बनकर रह जाएगा। सरकार को तत्काल ऐसे विसंगति पूर्ण युक्तियुक्तकरण पर रोक लगाकर 2008 के सेटअप का पालन युक्तियुक्तकरण में हो ये निर्देश जारी करना चाहिए। युक्तियुक्तकरण सरकारी स्कूलों को कमजोर करने एवं बंद करने की एक बड़ी साजिश है। सरकार के ऐसे कदमों से प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं निजीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं और सरकारी नौकरियां खत्म की जा रही है। ऐसे में सभी कर्मचारियों को एकजुटता के साथ अपने हक और अधिकार के लिए एक होकर आंदोलन करने की जरूरत है। जिलाध्यक्ष अमित महोबे एवं कोषाध्यक्ष डेवेश कुमार साहू ने संयुक्त बयान जारी करते हुए सरकार से आग्रह किया है कि प्राथमिक में 1+2 अर्थात न्यूनतम 3 तथा माध्यमिक में 1+4 अर्थात न्यूनतम 5 शिक्षक की व्यवस्था होनी चाहिए। हाई एवं हायर सेकेण्डरी में सभी विषयों के पर्याप्त मात्रा में विषय आधारित शिक्षक होना चाहिए। सरकार सोना साहू के क्रमोन्नति प्रकरण के आधार पर सभी शिक्षकों के लिए जनरल आदेश जारी करे,व्याख्याता पदोन्नति में डीएड वालों को भी शामिल करें,तथा प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए पुरानी पेंशन सहित समस्त लाभों को प्रदान करे। वक्ताओं ने कहा है कि इस आंदोलन को शिक्षक साझा मंच जो कि प्रदेश के ( 23 ) संगठनों का साझा मंच है मिलकर एक साथ आंदोलन को सफल बनाने में लगे हुए हैं जिसमें धमतरी जिला से 2,000 से भी ज्यादा शिक्षक राजधानी के तूता धरना स्थल पर अपनी उपस्थिति प्रदान कर मंत्रालय घेराव में शामिल होंगे । जिसे छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने अपना खुला समर्थन दिया है और प्रदेश के शिक्षक संवर्ग के दो लाख कर्मचारियों से अपील की है कि कल 28 तारीख को होने वाले मंत्रालय घेराव में अधिक से अधिक संख्या में राजधानी रायपुर के धरना स्थल तूता मैदान पहुंचे एवं उक्त आंदोलन में शामिल होकर अपने हक व अधिकार की लड़ाई में भाग लेने के साथ ही विसंगतिपूर्ण युक्तियुक्तकरण का पर्दाफाश करते हुए इसका पुरजोर विरोध कर आंदोलन को सफल बनाएं। आंदोलन में शामिल होने की अपील ममता खालसा, हरीश सिन्हा,नीरज सोन,लोमश साहू,आलोक मत्स्य पाल, जयंत साहू,लोचन साहू,आत्मा राम साहू, राणाजी राव रणसिंह, दीपक सहारे,बेदराम साहू, हूमन चन्द्राकर, पदुमलाल साहू, वरूण साहू,झुमक लाल साहू, उदय भान पाल,लुकेश्वर निषाद, दिलीप कोठारी, शेखन साहू,गुलाप राम साहू, प्रवीण साहू, गजेन्द्र साहू, गैंदराम धीवर, राकेश साहू, प्रमोद डड़सेना, दुलेश्वर डहरे, चन्द्रहास सिन्हा, रश्मि निर्वाण, धनेश्वरी साहू, भामेश्वरी साहू, कामना केरकेट्टा, सहित समस्त पदाधिकारियों ने की है।

Toman lal Sinha
Author: Toman lal Sinha

Editor In Chief